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युरिक ऐसिड के जोड़ों में जमा होने से भी होती है गठिया - "गाउट "


युरिक ऐसिड क्रिस्टल के जोड़ों में संग्रह से होने वाली जोड़ों में सूजन व दर्द को गाउट (gout) या युरिक ऐसिड से होनी वाली गठिया कहते हैं । गाउट एक ऐसी गठिया है जिसका कि इलाज साधारण, सुरक्षित, व सस्ती दवाइयों से पूर्णत: सम्भव है।पर यह तब ही सम्भव है जब कि मरीज़ इस बीमारी के बारे में समझता हो व इसके बारे में भ्रांतियाँ दूर कर ले।


दवाइयों के साथ भी कुछ उपाय हैं जिनसे कि इस गाउट का इलाज में सहायता मिलती है, जैसे

- अत्यधिक दर्द व सूजन में, जोड़ को आराम देना व बर्फ़ से सिकाई करना


दशकों पहले गाउट को अमीरों की बीमारी कहा जाता था - क्यूँकि अमीरों के पास ही अत्यधिक खानपान व मदिरा पीने की उपलब्धता थी। पर आज के समय में भरपेट भोजन, फ़ास्ट फ़ूड का चलन, और गतिहीन (sedentary) लाइफ़्स्टायल होने से यह गठिया को अमीरों की बीमारी से आम आदमी की बीमारी होने लगी है

दुनिया भर में युरिक ऐसिड के बढ़ने का मानक है 6.8 mg/dl. इससे ऊपर बढ़ने को hyperuricemia कहते हैं - मतलब बड़ा हुआ युरिक ऐसिड


हर एक व्यक्ति जिसका युरिक ऐसिड बढ़ा हुआ है, इलाज की ज़रूरत नहीं पड़ती।


युरिक ऐसिड बड़े होने वाले पाँच व्यक्ति में से एक को ही सम्भावना होती है इस गठिया के होने की।


युरिक ऐसिड कम करने की दवा की ज़रूरत पड़ती है जब - गठिया के लक्षण हों, किड्नी ख़राब हो गयी हो, या चमड़ी में युरिक ऐसिड के क्रिस्टल ज़म गए हों जिसे ‘टोफ़ाई’ कहते है


युरिक ऐसिड बढ़ने के कई कारण हैं - पुरुष, बुज़ुर्ग उम्र, खानपान, मोटापा, कुछ दवाइयाँ, किड्नी का ख़राब होना, और आनुवंशिक कारण


गाउट गठिया - महिलाओं के तुलना में पुरुषों को ज़्यादा प्रभावित करती है

नए शोध से पता लगा है कि शाकाहारी भोजन, युरिक ऐसिड के बढ़ने का कारण नहीं है

बल्कि नयी guideline में जिन मरीज़ों का युरिक ऐसिड बड़ा हुआ होता है उन्मे शाकाहारी भोजन जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ी, फल, दाल, चावल, कम वसा वाले डेरी पदार्थ जैसे दूध, दही आदि खाने को उत्साहित किया गया है


सबसे ज़्यादा परहेज़ करने के लिए है - प्यूरिन में उच्च ऑर्गन मीट, लाल माँस, शराब, मीठा सोडा व पेय, सॉफ़्ट ड्रिंक, चिकनाई युक्त भोजन

गाउट का इलाज सम्भव है पर मरीज़ों का अपनी बीमारी को समझ ना पाना, दवाइयों के लिए ग़लत धारणा रखना व दवाई का सेवन निरंतर नहीं करना है। बहुत से मरीज़ युरिक ऐसिड कम करने की दवाई कभी कभी लेते हैं - जैसे उस समय जब उन ने ऐसे भिजन का सेवन किया हो जिस से युरिक ऐसिड बढ़ता हो - मीट, मदिरा।

गाउट के मरीज़ों को यह समझना चाहिए कि इस बीमारी से बचने के लिए युरिक ऐसिड को उसके टार्गट (target) स्तर पर रखना होता है । टार्गट स्तर होता है युरिक ऐसिड 6 mg/dl से कम।

जीवन शेली में परिवर्तन से फ़र्क़ पड़ता है

  • नियमित व्यायाम

  • स्वस्थ शारीरिक वज़न को बनाए रखना

  • ख़ूब पानी का सेवन करना

  • धूम्रपान बंद करना

  • अपने युरिक ऐसिड के स्तर पर नियंत्रण रखना

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